किसानों के लिए जरूरी सूचना: अब खाद मिलेगा सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से

नई व्यवस्था के तहत किसानों को खाद वितरण की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। अब खाद प्राप्त करने के लिए किसानों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह नियम आगामी 5 तारीख से लागू किया जाएगा।

ऑनलाइन पोर्टल से मिलेगा खाद

राज्य सरकार या कृषि विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि 5 तारीख के बाद किसानों को केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही खाद मिलेगा। इसका मतलब है कि अब खाद वितरण की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल किया जा रहा है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और सही किसान को सही समय पर खाद मिल सके।

साल भर में मिलेगा 6 बार यूरिया

नई नीति के अनुसार, पूरे वर्ष में प्रत्येक किसान को 6 बार यूरिया खाद मिलेगा।
इसके लिए शर्त यह होगी कि हर 2 डीपीपी (Direct Purchase Point) पर प्रति एकड़ के हिसाब से यूरिया दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसान को आवश्यकता के अनुसार ही खाद मिले और कोई भी दुरुपयोग न हो।

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पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य

खाद वितरण की यह सुविधा केवल उन्हीं किसानों को मिलेगी जिन्होंने “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है।
जो किसान इस पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराएंगे, उन्हें खाद नहीं दी जाएगी।
इसलिए सभी किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे समय रहते अपना पंजीकरण पूरा कर लें।

किस पोर्टल पर करना है रजिस्ट्रेशन?

किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जाना होगा और अपने खेत, फसल और व्यक्तिगत जानकारी के साथ पंजीकरण कराना होगा। यह पोर्टल राज्य सरकार द्वारा संचालित है और इसका उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़ना है।

किसानों के लिए जरूरी निर्देश

  • ऑनलाइन पोर्टल पर समय रहते रजिस्ट्रेशन कराएं
  • अपनी जमीन और फसल की सही जानकारी भरें
  • खाद वितरण की तारीखों और स्थान की जानकारी पोर्टल या कृषि केंद्र से प्राप्त करें
  • दो डीपीपी पर एक एकड़ के हिसाब से खाद मिलेगा – इसका ध्यान रखें
  • बिना रजिस्ट्रेशन खाद नहीं मिलेगा, इसलिए लापरवाही न करें

निष्कर्ष

किसानों के लिए यह नया सिस्टम जरूरी और लाभदायक दोनों है, बशर्ते वे समय पर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराएं। इससे खाद वितरण में पारदर्शिता आएगी, साथ ही जरूरतमंद किसान को उचित मात्रा में समय पर खाद मिल सकेगा।


नोट: किसी भी तरह की समस्या या सहायता के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि अधिकारी या CSC केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

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